उसकी रूह की पाकीज़गी वो आदिम-बर्बर आदमी क्यों नहीं देखता??? उसकी सृजन की पवित्र शक्ति को, उसकी कोख को, अभद्र गाली की तरह अपमानित कर भविष्य के हाथों में जबरन् सौंपता है नई पीढ़ी की ऐसी पौध-जिसे देख कर माँ की आँखों में ममता का दूधिया सागर नहीं लहराता ।